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Saturday
Daayre
काँच के वो ख़्वाब नाज़ुक थे हमारे सारे !!
छूने से ही टूटने लगे...
मन्नतों में उम्र भर का साथ जिनका माँगा !!
हमसफ़र वो छूटने लगे....
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